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Home Remedies for Permanently Cure Gas
16 Home Remedies for Permanently Cure Indigestion : अपच पाचन संस्थान से सम्बंधित रोग है, जो कि मुख्यतः बदपरहेजी का ही नतीजा है। खान-पान में संयम न बरतना, दुषित पानी पोना, तले हुए और गरिष्ठ पदार्थ लेना आदि कारणों से भोजन सही ढंग से नहीं पचता और खुलकर भूख नहीं लगती। कभी दस्त, तो कभी कब्ज की शिकायत हो जाती है और गैस को तकलीफ भी परेशान करती है। ऐसी दशा में देर से पचने वाले गरिष्ठ पदार्थों को बजाय तरल पेय पदार्थों और सुपाच्य खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लाभ मिलता है।
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अपच से परेशान व्यक्ति सुचा में खाली पेट कुछ समय के अंतराल पर तीन-चार गिलास पानी ले सकते हैं। नाश्ते में दूध आदि को बजाय बिना मक्खन की छाछ में बोड़ा काला नमक और भुना हुआ जोरा डालकर लेना लाभदायक होगा। दिन भर 1. में दो-तीन मात्रा में बांटकर फलों व हरो सब्जियों का रस, इन्हें उबालकर बिना धो डाले तैयार किया गया सूप, अंकुरित किए गए अनाज व दालें आदि लेना चाहिए। फलों और सब्जियों से जहां शरीर का विटामिन ए, बी-1, बी-2, बो-3, चो-6. मी और खनिज लवणों की प्रचुर मात्रा मिल जाती है, वहीं छाछ और अंकुरित अनाज शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा (कार्बोहाइड्रेट) तथा एमिनो अम्ल का प्रबंध
How to cure acidity at home
कर देते हैं। इनके अलावा अंफुरित अनाजों में डायस्टेज नामक एक पाचक एंजाइम और दही में आंव के लैक्टोएसिडोफिलस नामक कीटाणुओं को बढ़ाने वाले तत्व भी 3 होते हैं, जो पादन में सहयोग करके रोगी की स्थिति में सुधार कर देते हैं।
जैसे ही अपच से परेशान व्यक्ति को स्थिति में सुधार होने लगे, वह अर्ड-ठोस आहार जैसे-फल, पालक, दलिया, मूंग की दाल की खिचड़ी, बथुआयुक्त मूंग, साग-सब्जियां आदि लेना शुरू कर सकता है तथा स्थिति में सुधार के अनुसर धीरे-धीरे अपने सामान्य आहार पर लौट सकता है।
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16 Home Remedies for Permanently Cure Indigestion
अपच को शिकायत दूर करने वाले कुछ कारगर प्रयोग इस प्रकार हैं (16 Home Remedies for Permanently Cure Indigestion)-
- अपच होने पर गाय के दही की छाछ(मठ्ठा) पीना शुरू कर देना चाहिए। इस छाछ में चुटकी भर भुने जीरे का चूर्ण, 10 दाने काली मिर्च का चूर्ण और 5-10 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर चूसने के अंदाज में पीना चाहिए। इस प्रयोग से पेट की पाचक अग्नि तेज 6. होतो है और सही ढंग से भोजन का पाचन होता है। दिन में तीन-चार बार यह प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे, शाम के बाद छाछ का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 10-12 दिनों तक यह प्रयोग करने से पुरानी अपच की समस्या दूर हो जाती है।
- अपच होने पर सूखा पुदीना, भुना हुआ जीरा और काली मिर्च का चूर्ण तैयार करके छाछ में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
- यदि अपच के कारण दस्त होने से तीव्र दुर्गंध आती है। ऐसी स्थिति में बरगद को जटा का कोमल छिलका 10 ग्राम की मात्रा में लेकर पीस छानकर छाछ में मिलाकर थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पीना चाहिए। बरगद की जटा न मिलने पर 5-6 ग्राम ईसबगोल की भूमी छाछ में मिलाकर पीना भी लाभप्रद होगा।
- यदि अपच के कारण आंध आने की शिकायत हो और पेट में दर्द हो, तो 5 ग्राम जावित्रों का चूर्ण मक्खनरहित छाछ के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।
- एक-एक गिलास पतली छाछ में सैा नमक, काली मिर्च का चूर्ण और पीपर का चूर्ण चुटकी भर मिलाकर पीने से अपच की शिकायत दूर होती है।
- शुद्ध घी में सेंको हुई हींग, मीठ, काली मिर्च, पीपर, सेंधा नमक, अजवाइन और जीरा बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर रख लें। छाछ में या भोजन से पहले शुद्ध घी और बावल में यह एक एक चम्मच मिलाकर सेवन करने से पाचन अग्नि तेज होती है और अपच की समस्या से permanent मुक्ति मिल जातो है।
- अदरक व नींबू का रस 10-10 मिलीग्राम की मात्रा में सेंधा नमक के साथ एक गिलास पानी में मिलाकर प्रतिदन सुबह में पीने से अपच से राहत मिलती है, भोजन के प्रति रुचि बढ़तो है और सही ढंग से भोजन का पाचन होता है।
- विंड नमक, काला नमक, अजवाइन, काला जोरा, छोटी पीपल, अजमोदा, सफेद जोरा, बड़ी हरड़ का छिलका, मोंठ, काली मिर्च, धनिया, अम्लवेत, वायबिडंग, सौंफ, चित्रक को जड़, जवाखार, खाने वाला सोडा और उटरो 10-10 ग्राम, पिपरमिंट 3 ग्राम, हीरा हॉग 6 ग्राम (शुद्ध घी में तली हुई) तथा 50 गाम गाय का भी लें इन औषध द्रव्यों को अच्छी तरह कूट-पीसकर महीन कपड़े से छानकर और मिलाकर बोतल में भरने से पहले गाय का यो भी मिलाएं और बोतल को एक घंटा 14. तक धूप में रख दें। यह 5-5 ग्राम चूर्ण भोजन के बाद दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करने से अपच की समस्या में स्थाई लाभ मिलता है।
- एक गिलास ताजी छाछ लेकर स्वादानुसार नमक व पिसा हुआ जीरा डालकर भोजन के बाद पीने से भोजन जल्दी पचता है।
- प्याज खेलकर बारीक काटकर रूचि के अनुमार नमक और नीबू का रस मिलाकर भोजन के साथ लेने से अपच में लाभ मिलता है।
- सोंठ, अजवाइन, हरड़ और सेंधा नमक बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार कर लें। अपच होने पर दिन में तीन बार 5-5 ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
- अजवाइन 20 ग्राम, छोटी हरड़ 10 गाम, सेंधा नमक 6 ग्राम और शुद्ध हींग का चूर्ण 6 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार करके रख लें। 3-3 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ तोन-तीन घंटे के अंतराल पर इस चूर्ण का सेवन करने से अफारा, पेट दर्द, गैस आदि कष्ट दूर होते हैं।
- अपच की शिकायत होने पर नाश्ते में पपीता लें और इस पर सेंधा नमक या काला नमक व भुना हुआ जोरा पीसकर डालें। इस प्रयोग से पूरा लाभ मिलता है।
- मूली के रस के साथ पुदीना का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेंधा नमक या काला नमक व भुना हुआ जीरा पीसकर डालें। इस प्रयोग से पूरा लाभ मिलता है।
- अपच की शिकायत होने पर सुबह में खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़कर पीने से लाभ मिलता है। इसके साथ ही दोपहर के भोजन में आधा घंटे पहले एक-एक चम्मच अदरक का रस लेना लाभप्रद होगा।
- कई बार किसी खास पदार्थ के अत्यधिक सेवन से भी अपन को समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसी दशा में अपच करने वाले पदार्थ के अनुसार अपच दूर करने वाले पदार्थ का सेवन किया जाना चाहिए। नारंगी से अपच होने पर गुड़, केले से अपच होने पा इलायची छोटी अथवा शुद्ध घी, जिमीकंद से अपच होने पर गुड़, नारियल को गिरी से अपच होने पर। बावल का धोवन, तरबूज से अपच होने पर 2 ग्राम पिसा हुआ नमक, जामुन से अपच होने पर काला नमक, आम से अपच होने पर दूध, जामुन, जोरे के पानी में काला नमक अथवा सौफ के पानी में काला नमक मिलाकर, आलू से अपच होने पर बावलों का घोवन, मूलो से अपच होने पर तिल, उड़द से अपच होने पर चीनी, गेहूं से अपच होने पर ककड़ी, मूंगफलों से अपच होने पर छाछ, अधिक मात्रा में शुद्ध घो लेने से अपच होने पर जंभीरी नींबू का रस और महलों से अपच होने पर आम का प्रयोग लाभप्रद है।
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