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कम खर्च में पौष्टिक आहार
2024’s Most Nutritious and very cheap foods आहार हर उम्र के व्यक्ति की मूल जरूरत है। इसके बगैर यह अधिक दिनों तक जीवित नहीं रह सकता। आहार का मतलब केवल पेट भरने से ही नहीं है, अपितु वह पौष्टिक और संतुलित हो, तभी उसको सार्थकता है। आमतौर पर लोगों का मानना है कि पौष्टिक आहार का मतलब महंगे ड्रायफ्रूट्स या लजीज व्यंजनों से है। जबकि ऐसा नहीं है। कम खर्च में भी पौष्टिक आहार लिया जा सकता है।
ड्रायफ्रूट्स, जंकफूड, फास्टफूड अमीरों के चोचले हैं। अधिकांश पैसे वाले लोग दिन में कई बार ड्रायफ्रूट्स का सेवन करते हैं। बादाम, पिस्ता, काजू, किशमिश, अंजीर आदि का सेवन करना उनके स्टेट्स सिंबल हैं। इसे वे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ते है। इनका सेवन करने के बाद उन्हें लगता है कि उन्होंने पौष्टिक और संतुलित आहार लिया है। जबकि यह उनका भ्रम है। माना कि ड्रायफ्रूट्स में प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण आदि होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ये अन्य स्रोतों या आहार से नहीं मिल सकते।
गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दो जून की रोटी जुटाना ही मुश्किल होता है। ऐसे में ड्रायफ्रूट्स खाना उनके लिए संभव नहीं है।
जंकफूड, फास्टफूड और पैक्डफूड महंगे पड़ते हैं। होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट आदि का खाना स्वादिष्ट भले ही लगे, लेकिन उसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है। इसके बावजूद उसमें वह गुणवत्ता और पौष्टिकता नहीं होती, जो पर के सादा या सामान्य खाने में होती है।
Most Nutritious Food of 2024
भोजन को गरीब-अमीर, राजा और रंग सभी करते हैं, लेकिन जहां तक स्वस्थता की बात है, महंगा भोजन करने वाले अमीरों की तुलना में सामान्य भोजन करने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के लोग अधिक स्वस्थ रहते हैं। बी.पो. शुगर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिसीज आदि की समस्याएं भी गरीबों की तुलना में अमीरों को अधिक होती है। क्यांकि वे उटपटांग चीजें खाकर खुश होते है। इसमें वे अपनी शान समझते हैं।
महंगे ड्राफ्रूट्स के विकल्प के तौर पर आप मूंगफली का सेवन कर सकते हैं। इसमें भी अनेक पोषक तत्व होते हैं। इसलिए मूंगफली को गरीबों का मेवा कहा गया है।
मिठाइयां खाने का शौक है, तो इसके
लिए ड्रायफ्रूट्स को मिठाइयों की बजाय अन्न को मिठाइयां खाई जा सकती है। बाजार में 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये किलो तक की मिठाइयां मिलती है। आपको अपने बजट से बाहर नहीं जाना चाहिए।
कुछ फल बहुत महंगे आते हैं। खासकर, शुरुआत में उनकी कीमत काफी अधिक होती है। क्योंकि उनकी आवक कम होती है। ऐसे में जरूरी नहीं कि ऊंचे दामों पर खरीद कर खाया जाए। कुछ दिनों बाद जब उनको आपूर्ति बढ़ जाती है, तो भाव भी गिर जाते हैं। अब आप अपने शौक को पूरा कर सकते हैं। इससे आपका बजट भी गड़बड़ाता नहीं।
यकीनन, कुछ फल हमेशा महंगे ही होते हैं, जिन्हें खरीदना गरीब वर्ग के लिए संभव नहीं। उन्हें इसके विकल्प के रूप में सस्ते फलों का चयन करना चाहिए। आमतौर पर अमरूद, संतरा, पपोता, अंगूर, तरबूज, खरबूज, सिंघाड़ा, केला, अन्नानास, सेब आदि सामान्य कौमतों पर उपलब्ध रहते हैं। इनका सेवन किया जा सकता है।
आजकल आर.ओ. का पानी पीने का चलन बढ़ता जा रहा है। आर.ओ. का पानी सुरक्षित भले ही हो, पर उसमें वे सभी मिनरल्स उतनी मात्रा में नहीं होते, जितना कि सामान्य रूप से फिल्टर किए हुए पानी में होते हैं। पानी की महंगी बॉटल खरीदने को बजाय फिल्टर पानी का सेवन करना चाहिए।
2024’s Most Healthy Food
दालें हमारे भोजन का अहम् हिस्सा है। लेकिन आज इनकी कोमत भी आसमान छूरही है। पहले दाल-रोटी गरीबों का खाना माना जाता था, लेकिन आज
गरीबों की थाली में दाल गायन हो रही है। अरहर (तुवर) दाल काफी महंगी हो गई है। अत: आप अन्य सरती दालों का सेवन कर सकते हैं। जैसे चना दाल, मूंगदाल, उड़द दाल, चवता दाल आदि।
खड़े अनाजों में भी आप कम खर्च में पौष्टिक आहार का सपना पूरा कर सकते है। चना, मूग, चवला, राजमा, मटर, बटला आदि में काफी गुण होते हैं। इन्हें अंकुरित करके भी खाया जा सकता है। अंकुरित अनाज से आहार को गुणवक्त भी बढ़ जाती है।
वैसे तो सभी सब्जियां पौष्टिक और गुणकारी हेोती है, लेकिन यदि महंगी सब्जियों नहीं खरोदनी है, तो सस्तो सब्जियों से भी पोषक तत्व प्राप्त किए जा सकते हैं। आमतौर पर आलू, प्याज, खोरा, कडू, करेला, खजूर, गाजर, मटर, फूलगोभी, ओकली, टिंडा, कुरई, गिलको, नोंचू, पालक, मैची, बचुआ, मूली, बैंगन, लहसुन, लौकी, सेंजन आदि सब्जियां अधिक महंगो नहीं होतीं। नींबू, आंवला आदि में भी अनेक पोषक तत्व होते हैं।
दूध, दही को आहार में शामिल किया जा सकता है। दूध को पूर्ण आहार माना गया है। जिन्हें दूध हजम नहीं होता, उनके लिए दही सर्वोत्तम विकल्प है।
शरीर का जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है, उनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा,
गुणकारी पलाश
• पलाश के पंचांग (फल, फूल, बीज, जड़, छाल आदि) को कूट-पीसकर बारीक
चूर्ण बना कर रखें। 3-3 ग्राम चूर्ण मधु और शुद्ध घों के साथ सेवन करने में महास्थ्य संतुलित रहता है। दीर्घायु तक कोई रोग पास नहीं फटकता।
• पलाश की जड़ों को कूट कर रस निकालें। इस रस को जानकर 4-6 बूंद पान के पत्ते पर डालकर चबाकर सेवन करने से भूख अधिक लगती है।
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पलाश के 25-30 ग्राम फूलों को रात को जल में डालकर रखें। सुबह उठकर उर फूलों को उंगलियों से मसलकर, जनकर, मिश्री मिलाकर सेवन करने से गुदाँ का शूल नष्ट होता है।
• पलाश को जड़ को सुधाकर किसी मिट्टी के पात्र में रखकर, आग पर जलाकर भान बनाएं। इस भस्म में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर जल के साथ सेवन करने से अर्श रोग में शोय व शूल नष्ट होता है। 3-3 ग्राम चूर्ण इस्तेमाल कर सकते हैं। पलाश के फूलों को पीसकर मिश्री के साथ प्रतिदिन सेवन करने से स्त्रियों का श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है।
• पलाश के फूलों को कूटकर रस निकालें। 5 ग्राम रस में मधु मिलाकर सेवन कराने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं।
विटामिन, खनिज लवण और जल मुख्य वाली महिला, बढ़ती उम्र के बच्चे और है। किशोर ।
कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा/ताकत देता है जबकि प्रोटीन और वसा शरीर के विकास तथा मानसिक स्वस्थता के लिए जरूरी है। विटामिन, खनिज लवण बीमारियों के विरुद्ध सुरक्षा कवच बनते हैं। जल के माध्यम से सभी पोषक तत्व घुलकर दूसरे ऊतकों तक पहुंचते हैं तथा व्यर्थ पदार्थ शरीर से बाहर निकलते हैं।
कुछ स्थितियां ऐसो होतो हैं, जिनमें पोषक तत्वों को अधिक जरूरत होतो
है। जैसे गर्भावस्था, स्तनपान करवाने
आहार के संदर्भ में कैलोरी शब्द का प्रयोग कियाज जाता है। कैलोरी भोजन में प्राप्त ऊर्जा को नापने की इकाई है। सामान्य दैनिक जीवन में व्यक्ति को अपनी आवश्यकता के अनुसार भोजन लेना चाहिए। लेकिन विशेष स्थितियों में पोषक तत्वों को मात्रा को शारीरिक स्थिति के अनुसार बढ़ाना या घटाना आवश्यक होता है।