Ayurvedic Treatment For Varicose Veins in Nagpur
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Ayurvedic Treatment For Varicose Veins in Nagpur टांग व जांघ पर नीली नसों से निजात कैसे पाएं?
हमारे देश में ऐसे लोगों की भरमार है, जिनकी जांघ पर या घुटने को हुई नीली नमें दिखती है। तीस पैतीस को उम्र पार करने के बाद विशेषतयः महिलाएं यह शिकायत करती हुई पाई जाएगी कि उनकी जाप पर कुछ नीले रंग को नसें उभर आई है। बच्चों को जन्म देने के बाद, माताओं के दांगों व जांघ पर ये नीलो नमें उभर आती है। गर्भावस्था के दौरान अधिकारा महिलाओं को टांगों में मकड़ी के जालेनुमा नीली न उभर आती है पर डिलीवरी के बाद ये नसें ज्यादातर महिलाओं की टांगों में गायच हो जाती है, पर कुछ महिलाओं में यह नर्स स्थायी हो जाती है और पहले से ज्यादा फूल जाती है। इसके आताया अधेड़ उम्र की या वृद्ध महिलाएं भी टांगों में उभरी नौलो नसों को अक्सर शिकायत करती है।
कौन से लोग टांगों में नीली नसों के शिकार होते हैं?
वे लोग जो कुर्सी पर लगातार घंटों बैठते हैं जैसे आफिस में कम्प्यूटर के आगे बैठकर काम करते हैं। वे महिलाएं जो टेलीविजन सेट के आगे बैठकर भांति-भांति के टो.वी. सोरियल देखती रहती है। बुजुर्ग लोग भी शिथिलता की वजह से या अपना अकेलापन दूर करने के लिए अपना सारा दिन का समय टेलीविजन के सामने बैठकर हो बिताते है। दुकानदार लोग टांगों की उभरी
नीली नमों के अक्सर शिकार होते हैं क्योंकि ये भी दुकान पर दिन भर बैठे रहते लगातार बैठने के कारण हमारे न्यायधीश व वकील भी इस नीली नसों के रांगों और जांघ में उभरने की शिकायत करते हैं। यह भी देखा गया है जिनकी जॉब व दिनचर्या लगातार खड़े होने में बीतती है जैसे अध्यापक, अध्यापिकाएं, ट्रैफिक पुलिस वाले और कारपोरेट ऑफिस के स्वागत कक्ष में लगातार खड़े रहने वाली महिला व पुरुष कर्मचारी अक्सर में सारे लोग जांच व टांगों पर उभरी नीली नसों से पीड़ित रहते है। आजकल अस्पताल में कार्यरत नर्स व गार्ड की ड्यूटी करने वाले लोग भी उभरी नीली नसों से बच नहीं पाते हैं।
क्यों उभरती हैं टांगों पर नीली नसें
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि टांगों व पैरों में गंदा खून का इकट् होना। जब गंदा खून टांगों व पैरों पर एक निर्धारित सीमा के बाहर इकट्ठा होने लगता है तो यह खून खाल के नीचे स्थित नसों में भरना शुरू हो जाता है जिससे खाल पर उभरी नीली नमें दिखने लगती है। यह नमें शुरूआती दिनों में मकड़ी के जाले को तरह दिखती है पर शनैः शनैः यह नीलो नसों का उभरा ज्यादा दिखने लगता है। यह गंदा खून (ऑक्सीजन रहित) नॉर्मल तरीके से टांगों व जायों से ऊपर चढ़कर दिल में How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?
पहुंचता है और फेफड़े में जाकर शुद्ध होता है। अगर किसी वजह से यह गन्दा खून ऊपर नहीं चढ़ता है तो टांग व पैरों में इस गंदे खून का इकट्ठा होना स्वाभाविक है।
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हमारी आधुनिक दिनचर्या दोषी है How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?
आरामतलब जिन्दगी नियमित न टहलने की आदत, टांगों पर कहर बरपा रही है। गदे खून को ऊपर चढ़ाने के लिए टांग की मांसपेशियों के पम्प की आवश्यकता होती है। आप जितना चलगे आतना ही मांसपेशियों का पम्प काम करे। और गदा खून ऊपर चढ़ाएगा और पैर गंदे खून से रहित हो जाएगा। अगर आप समय रहते लम्बे समय तक बेडनाखा होना बंद नहीं करते और नियति ला नहीं आरम्भ करते और वजन अपनाते हैं, तो यकीन मानिए कि टांगों व जांचों पर नीलीन उगी ही, पर इसके साथ ही साथ एक जानलेवा समस्या भी बन सकती है। दाग की अंदरूनी नली पानी देना में खून के कतरी का जमात्र हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप गर्दै खून का ऊपर चढ़ने का रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध होजांघ पर उभरी मकड़ीनुमा नीली नसे जाएगा। जिससे दो नुकसान है। एक टांगों की सूजन के साथ नीली नसें उभरेंगी और दूसरा नुकसान यह है कि अगर खून के कतरे ऊपर चढ़कर फेफड़े को खून की नली में पहुंच गए, तो जान गंवाने का खतरा बढ़ जाएगा।
अगर टांग पर नीली नसें उभर आई हैं तो क्या करें
अगर जांघ व टांग पर उभरी पतली नीलो नसों को ज्यादा दिन (लगभग 1 या 2 महीना) नहीं हुए हैं, तो सतर्क हो जाइए और वक्त रहते चेत जाइए क्योंकि अभी आपके पास वक्त है कि बगैर सर्जरी या लेसर के, इन उभरी नसों से छुटकारा पा लीजिए, अन्यथा यह नसें फूलना शुरू हो जाएंगी। आप रोजाना टहलना शुरू करें, पांच किलोमीटर सुबह और तीन किलोमीटर शाम को टहलें। इस टहलने के नियम में किसी तरह की कोताही न बरतें और न How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?
में कितनी मात्रा में इकट्ठा हो रहा है और टांगों को मांसपेशियों का पम्प कितना प्रभावशाली है, और नसों के अन्दर स्थित कपाट कितना ठौक से खुलते व बंद होने हैं या नहीं, यह भी पता लग जाता है कि कहाँ बेन्स में पुराने खून के कतरे तो नहीं जमा है। इस रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही सही इलाज का निर्धारण होता है।
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ठीक करने का इलाज क्या है?
जांघ पर नीली नसों का जाल
Varicose Veins की समस्या एक नस की समस्या है और यह एक आम समस्या है | जोआज के इस युग में कई लोगों को प्रभावित कर रही है | इसे प्राकृतिक रूप से हल किया जा सकता है। आयुर्वेदिक औषधियां न केवल साइड इफेक्ट से रहित होती हैं बल्कि इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है। How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?
आप अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ परिवर्तन कर सकते हैं। योग और प्राणायाम भी Varicose Veins के लिए बहुत फायदेमंद हैं। योग द्वारा न केवल धैर्य को बढ़ाते हैं, बल्कि नसों की प्रवाह में सुधार करके Varicose Veins कर सकते हैं।
आपके आहार में भी सुधार करना अतिआवश्यक है । Varicose Veins से पीड़ित मरीजों को ताजे फलों और सब्जियों का सेवन की मात्रा अपने खानपान में बढ़ाना चाहिए एवं भरपूर मात्रा में पानी पीना चाइये |
आयुर्वेदिक में Varicose Veins के उपचार है। नींबू, हल्दी और गुड़ के इस्तेमाल से नसों की स्थिति में सुधार हो सकता है।
अगर आपको कुछ दिनों से यह समस्या हो रही है | समस्या गंभीर है और तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कुछ मामलों में, विशेषज्ञ रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफ एब्लेशन), लेजर तकनीक या स्क्लेरोथेरेपी जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। इन तकनीकों का उपयोग करते समय किसी वायरस जांच की आवश्यकता नहीं होती है और इस तकनीक की दक्षता भी अधिक होती है। इन तकनीकों में रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन सबसे लोकप्रिय और प्रभावी मानी जाती है।
टहलने के बहाने न ढूंढे। अगर आपका वजन ज्यादा है तो उसको हर महीने गिराने का साँचे, जब तक वजन उचित दायरे में न आ जाए। एक और बात याद रखें कि कभी एक घंटे से ज्यादा लगातार न बैठें। जैसे ही एक घंटा हो जाए तो तुरंत खड़े होकर दस मिनट टहलें और फिर बैठ जाएं, यह क्रिया दिन भर दोहराएं। रात में लेटते वक्त पैरों के नीचे तकिया रख लें। इन सब निर्देशों का तीन महीने तक ईमानदारी से पालने करें। सौ में से सत्तर लोगों को इससे फायदा मिलेगा। How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?
वैस्क्युलर सर्जन की सलाह कब लें? अगर ऊपर बताई दिनचर्या का ईमानदारी से पालन करने के बावजूद, आप ज्यादा लाभान्वित नहीं हो रहे हैं तो तुरंत किसी अनुभवी वैस्क्युलर सर्जन से परामर्श लें। वह टांगों की एक वेन्स डॉप्लर नामक जांच करवा कर देखेंगे कि गंदा खून टांगों How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?
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अगर वेन्स में खून के कतरे जमा नहीं हैं तो उभरी हुई बेन्स में इन्जेक्शन स्क्लेरोथेरोपी करते हैं और अगर गंदा खून टांगों में ज्यादा इकट्ठा नहीं हो रहा है और वेन्स के कपाट, वाल्वद्ध ज्यादा क्षतिग्रस्त नहीं है। तो शारीरिक व्यायाम, नियमित टहलना व कमित दबाव वाली जुराबें पहनने से समस्या कंट्रोल में आ जाती है। छ: महीने के बाद ज्यादातर मरीजों में समस्या का प्रभावी ढंग से निदान हो जाता है। अगर वेन्स के बाल्य ज्यादा हैं तो लेजर तकनीक या आर.एफ.ए. (रेडियो फ्रिक्वेन्सी एब्लेशन) या वेनोसील तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है। इससे मरीज को बेहोश नहीं करना पड़ता है और उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है क्योंकि खाल नहीं काटना पड़ता है। यह देखा गया है कि इन तीनों इलाज की विधाओं में आर. एफ.ए. तकनीक ज्यादा लोकप्रिय और कारगर है। How to get rid of blue veins on legs and thighs Naturally 2024?